कोमल कली सी
सांध्य सुन्दरी-
अलसित श्यामला परी
गंभीर,निश्चल,निश्चाप,
नव-निशा सुन्दरी बन
श्यामल घुँघराले बालों में
हंसती इक तारिका गूँथ
अम्बर पथ से
शनै: शनै: चल-
थके हारे जीवों को
अंक में भर,
माँ सी-थपथपा,
स्नेहनिद्रा-प्याला पिला,
विस्मृत मीठे अनेक स्वप्न दर्शा,
दुःख दर्द मिटाती है !
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