Followers

Saturday, January 2, 2010

नव वर्ष की शुभकामनाएँ,


नव वर्ष की शुभकामनाएँ
सब को पहुंचे भाई,
आप को बहुत बहुत बधाई
आप को बहुत बहुत बधाई.

हम बैठे दक्षिण-गोलार्ध में
जहाँ ग्रीष्म है आई,
क्रिसमस का यहाँ केक कटे है
वह भी ग्रीष्म में भाई.
आप को बहुत बहुत बधाई,
आप को बहुत बहुत बधाई.

कोहरे की चुनरिया औढ़े
प्रकृति रूप दिखाए.
सर्दी देखे, न गर्मी देखे
शीत लहर लहराए.
नव वर्ष की शुभकामनाएँ
सब को पहुंचे भाई.
आप को बहुत बहुत बधाई
आप को बहुत बहुत बधाई.

जब भी धूप चढ़े,वह
अपनी तीक्ष्णता दिखलाये.
उसी क्षण में कोहरा छटे
तब कुदरत रूप दिखाए.

आपकी सर्दी हमारी गर्मी
यह कुदरत का खेला.
नए साल के शुभ अवसर पर
लगा दुनियाँ में मेला.
जो भी, जहाँ, सभी के
लिए हैं मेरी शुभकामनाएँ.
नव वर्ष के शुभ अवसर पर
खुशियाँ खूब मनाएं.

नव प्रण, नव प्रभात,सुख वर्षा
सुख की बजे शहनाई.
आप को बहुत बहुत बधाई
आप को बहुत बहुत बधाई.

नव वर्ष की शुभकामनाएँ
सब को पहुंचे भाई.
आप को बहुत बहुत बधाई,
आप को बहुत बहुत बधाई.

No comments:

Post a Comment