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Wednesday, August 18, 2010

प्राण मित्रो भले ही गवाना,पर यह झंडा न नीचे झुकाना

प्राण मित्रो भले ही गवाना,
पर यह झंडा न नीचे झुकाना.

तीन रंगा है झंडा हमारा,
बीच चक्र चमकता सितारा.

शान है यह इज्जत हमारी,
सर झुकाती इसे हिंद सारी.

तुम भले ही मुसीबत उठाना,
पर यह झंडा न नीचे झुकाना.

यह है आजादीपन की निशानी,
इसके पीछे है लाखों है कहानी.

रे न भूलो वह जलियान वाला.
ओ' डायर का इतिहास काला,

गोलियों की लगी जब झड़ी थी,
नींव आज़ादी की तब पड़ी थी.

उसने क्या क्या ज़ुल्म न ढाया,
पेट के बल भी हमको चलाया.

माँ व बहनों को घर घर रुलाया.
कोसों पैदल बच्चों को चलाया,

याद हो गर वो खूं यों बहाना,
तो यह झंडा न नीचे झुकाना.

सब कहो कि है सर ही कटाना,
तो यह झंडा न नीचे झुकाना.

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