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Wednesday, January 18, 2023

याद आता है : कश्मीर

लो फिर याद आगया कश्मीर!! भारत का सिरमौर कश्मीर। मुकुट सुनहरा सुंदर कश्मीर ! केसर की खुशबू से नहाता, सूर्य किरणों का तिलक लगाता, कश्मीर फिर फिर याद आता!! वे नद नदी, वे वादियां, अनछुई पर्वत श्रेणियां। स्फटिक सी चमकती झीलें, घुमावदार वे घाटियाँ! स्वर्ग का सा सूंदर कश्मीर! लो फिर याद गया कश्मीर !! ऊँचे पर्वत का वह कन्दर, शंकराचार्य जी का मंदिर ! तुषाराच्छादित उत्तुंग शिखर, योगतल्लीन हों धरणीधर। स्वर्ग का सा सुंदर कश्मीर लो फिर याद आगया कश्मीर !! देवदार,पाम, चीड़, विलोर, सुर्ख चिनार करते विभोर ! डल, नगीन में तिरतीं फिरतीं। नौकाएं अठखेलियां करतीं सेब जैसे गालों वाली, बालाएँ थीं खिलखिलातीं । स्वर्ग का सा सुंदर कश्मीर लो फिर याद आगया कश्मीर!! हब्बाखातून कवित्रि के मीठे गीतों की माला से। वादियां हरदम गूंजा करतीं, मधुर स्वरों की बाला से। स्वर्ग सा सूंदर कश्मीर लो फिर याद आगया कश्मीर!! नैसर्गिक सुंदरी गुरेज़ ! स्वर्ग से करती बतियाँ ! खरदुंगला सर्वोच्च सड़क से , दुनिया की दिखती झांकियां। फिर वह ऐसी हवा चली! आँखों से झरणी झरी ! जहरीला फ़न उठाए नागिन, आग लगाती गली गली ! दुष्टों ने घर घर जाकर, लगाई इज़्ज़त की बोली मारधाड़, व्यभिचारी राक्षस खेली ख़ून की होली! जो बचे- यहाँ तहाँ बिखर गए । पुरखों की ज़मीं छूटी! अपने ही मित्रों ने ही तो अपनों की इस्मत लूटी। मारने वाले आतताई वे अपने ही पडोसी थे, मित्रों का चोला पहन एकनंबरी दोषी थे। क्या बिगाड़ा था किसीका ? कहते हैं- अब सब सही हो गया है चले चलो अपने 'खाते' "तोबा तोबा नहीं चलेंगे" बड़े बड़े बूढ़े कहते- कश्मीर के साथ हमेशा ऐसा ही होता आया है। “कश्मीर कभी ठीक नही् हो सकता”। यह किसकी नज़र लगी कश्मीर बिखर गया। कश्मीर को सब भूल गये क्या नहीं नहीं कश्मीर फ़ाइल ने - दिखादी असली सचाई ! कश्मीर की याद फिर से आई।

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