Followers

Sunday, January 10, 2010

यह कौन चितेरा!

यह कौन चितेरा!
चित्रकार!!
सजाये धरा को बारम्बार,
यह कौन चितेरा!
चित्रकार!!
...
कैसी तूलिका कहाँ से रंग!
रजत सी रात दमकते दिन,
निशा के सुंदर काले केश,
उषा का लाल सुनहरी वेश,
मिटाता रंगता बारम्बार,
यह कौन चितेरा!
चित्रकार!!

धरा को दीन्ही हरित चुनरिया,
रंग बिरंगी सजी फुलवरिया,
पर्वत ओढे तुषार चदरिया,
गगन ने धरा रूप सांवरिया,
कौतूहल, अचम्भा, बेशुमार,
यह कौन चितेरा!
चित्रकार!!

No comments:

Post a Comment