आज भूमण्डलीय तापक्रम वृद्धि,=(global warming uccurring)
प्रश्न चिन्ह? खतरा अत्यधिक,
जलप्रदूषण के खतरों से,
जीव जगत को बचावो,
पानी व्यर्थ न बहावो,
पानी है जीवनदाता,
पानी की हर बूँद बचाओ.
बुंदिया पानी की अनमोल,
जीव जगत,
जीवन की डोर,
पानी की हर बूँद खेत में,
शुष्क धरा को अंकुरित कर,
हरित लहराती,
जीव जगत की प्यास बुझाती,
शुष्क हो रहे,
सूख रहे सब,
नदी, नाले, पोखर,
और झील,
जल वायु स्वर्ग सरीखा ,
जल था कभी,
स्वच्छ सुनील,
कारखानों के,
कूड़े करकट,
रासायनिक पदार्थ,
अपविष्ट,
पानी गन्दा करें विषैला,
प्रदूषित करते,
लोग अशिष्ट,
जलप्रदूषण के खतरों से,
जीव जगत को बचावो,
पानी व्यर्थ न बहावो,
पानी है जीवनदाता,
पानी की हर बूँद बचाओ.
जगह जगह नारा लगाओ-
'पानी बचाओ,'पानी बचाओ'
by-शारदा मोंगा
जलप्रदूषण के खतरों से,
ReplyDeleteजीव जगत को बचावो,
पानी व्यर्थ न बहावो,
पानी है जीवनदाता,
पानी की हर बूँद बचाओ.
जगह जगह नारा लगाओ-
'पानी बचाओ,'पानी बचाओ'
सरल शब्दों में सार्थक सन्देश देती रचना के लिए बधाई!
घन्यवाद जी, मेरी रचना -जल बचाओ- को पसंद करने के लिए। आपका बहुत आभार
Deleteजल ही जीवन है....बहुत सार्थक रचना
ReplyDeleteघन्यवाद जी, मेरी रचना -जल बचाओ- को पसंद करने के लिए। आपका बहुत आभार
Deleteजलप्रदूषण के खतरों से,
ReplyDeleteजीव जगत को बचावो,
पानी व्यर्थ न बहावो,
पानी है जीवनदाता,
पानी की हर बूँद बचाओ.
सार्थक रचना .बधाई!!!
घन्यवाद जी, मेरी रचना -जल बचाओ- को पसंद करने के लिए। आपका बहुत आभार
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ReplyDeleteआदरणीया मोंगा जी!
पानी के प्रति आपकी चिंता जायज हैं। इसके लिए आपके द्वारा किए जन-जागरण में हम आपके साथ हैं। आपका प्रयास सफल हो, यह कामना है।
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जल की कीमत समझ ले, जलका कर तू मान।
जल नैनों का अश्रु है, अधरों की मुसकान॥
केवल जलचर ही नहीं, भू-नभ चर जल-हाथ।
जलपर आश्रित हैं सभी, जल बिन विश्व अनाथ॥
जल ही जगका सार है, बिन जल जगत असार।
तड़पेगा जल हानिकर, भस्मासुर संसार॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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डा.मयंक साहेब,
ReplyDeleteसंगीता जी,
प्रेम फर्रुखाबादी,
डा.डंडा लखनवी साहेब,
आप सब का धन्यवाद मेरी भावनाओं की अभिव्यक्ति की सराहना के लिए.
घन्यवाद जी, मेरी रचना -जल बचाओ- को पसंद करने के लिए। आपका बहुत आभार
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