Followers

Thursday, March 28, 2013

समय का चक्र...

समय का चक्र,
नियति वक्र ,
काम है उसका,
चलते रहना,

कभी न रुकना,
कभी न थमना,

मोड़ों पर वह दस्तक देता,
सफलता का संकेत कराता,

तुम बस उसके साथ हो लेना,
प्रतीक्षा करने को न कहना,

प्रतीक्षा का वह नाम न जाने,
थकने का वह काम न जाने,

चिरंतन काल से चल रहा है,
चिरंतन काल तक वह चलेगा,

नहीं थमेगा,
नहीं रुकेगा.

आगे आगे बढ़ता जाये,
पीछे का काम न भाये,

उस ही के साथ तुम हो लो
नहीं, वह आगे हो जायेगा.

तुम फिर पीछे रह जाओगे.
सिर धुन धुन कर पछताओगे,

No comments:

Post a Comment