मैं चाहता हूँ कि:
मैं--
बच्चों के भोले भाले
मन-संसार के शांत कौने में-
जहाँ सितारे रहते हैं
व उनसे बातें करते रहते हैं-
-में स्थान ग्रहण कर सकूँ.
जहाँ पगले बादल,
सतरंगी इंद्रधनुष
खिड़की के रास्ते चुपके से,
आहिस्ता आहिस्ता
अपनी सुंदर खिलोंनों भरी टोकरियों
व अनेक कथा-कहानियों सहित
प्रवेश करते हैं
और आकाश-
उनके चेहरे पर झुक कर
उनका मन बहलाता है.
जहाँ परियाँ उन्हें बादलों की
सैर कराती हैं,
मैं चाहता हूँ कि :
बच्चों के मन-प्रदेश में
मैं उन संदेश-वाहकों की तरह
जो अनंतकाल से
ऐतिहासिक राजाओं के
समस्त कार्य व संदेश
बिना शर्त के ले जाते रहे हैं-
में प्रवेश पा सकूँ.
कि-
जहाँ कारण ही
अपने क़ानूनों की पतंग
बना कर उड़ते हैं
और सत्य
सब तरह की
ज़ंजीरों से मुक्त रहता है.
मैं चाहता हूँ कि...
मैं--
बच्चों के भोले भाले
मन-संसार के शांत कौने में-
जहाँ सितारे रहते हैं
व उनसे बातें करते रहते हैं-
-में स्थान ग्रहण कर सकूँ.
जहाँ पगले बादल,
सतरंगी इंद्रधनुष
खिड़की के रास्ते चुपके से,
आहिस्ता आहिस्ता
अपनी सुंदर खिलोंनों भरी टोकरियों
व अनेक कथा-कहानियों सहित
प्रवेश करते हैं
और आकाश-
उनके चेहरे पर झुक कर
उनका मन बहलाता है.
जहाँ परियाँ उन्हें बादलों की
सैर कराती हैं,
मैं चाहता हूँ कि :
बच्चों के मन-प्रदेश में
मैं उन संदेश-वाहकों की तरह
जो अनंतकाल से
ऐतिहासिक राजाओं के
समस्त कार्य व संदेश
बिना शर्त के ले जाते रहे हैं-
में प्रवेश पा सकूँ.
कि-
जहाँ कारण ही
अपने क़ानूनों की पतंग
बना कर उड़ते हैं
और सत्य
सब तरह की
ज़ंजीरों से मुक्त रहता है.
मैं चाहता हूँ कि...
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