आंधी पानी से डाली टूटी,
अण्डों समेत गिरी,
चिरैय्या सोती सोती,
घोंसला टूटा, अँडे फूटे,
चिड़ा चिरैय्या! स्तब्ध!
हाय रे परालब्ध!
हृदय टूटे भाग्य फूटे,
जीवन के सहारे छूटे,
हाय गृहस्थी नष्ट हुई,
की करायी सब व्यर्थ गयी,
चिड़ाचिरैय्या ने साहस जोड़ा,
पुन:निर्माण को मन मोड़ा,
तिनका तिनका एकत्र किया,
नव नीड़ का निर्माण हुआ,,
नीड़ का निर्माण फिर से,
स्नेह का आव्हान फिर से,
साहस है जीवन का नाम,
संघर्ष से बनते सब काम,
No comments:
Post a Comment