वर्षा शीत का
संधिकाल,
उपऋतु-अश्विनी का हाल.
पर्वों का यह
माह सुनहरा,
रामनौमी, नवरात,
दशहरा।
दुर्गापूजा,
शरद पूर्णिमा,
खीर अमृत
करें चन्द्रमा.
माँ के जगरातों
का हाल,
उपऋतु
क्वांर-अश्विनी चाल.
ब्राह्मण भोज, दान
और श्राद्ध,
पितृ पूजा का
आशीर्वाद.
फसल कटने का
माह सुहाना,
किसान काटें
खेत से दाना.
पकता धान,
सौंधी सुगंध।
मन महकता,
अति आनंद,
झूमे खुशियाँ
मन बेहाल,
उपऋतु
क्वांर-अश्विनी चाल.
रात ठंडी पर दिन
हैं गर्म,
व्याकुल करें,
यह कैसा मर्म.
तड़के ही सूरज
आ धमके,
क्वांर मास में
बढ़ कर फड़के.
बिजली कटे-
मुसीबत भड़के,
हाथ पंखियाँ
झल झल चटकें.
ठंडा गर्म
दोनों हैं हाल,
उपऋतु
क्वांर-अश्विनी चाल.
शारदा मोंगा.
संधिकाल,
उपऋतु-अश्विनी का हाल.
पर्वों का यह
माह सुनहरा,
रामनौमी, नवरात,
दशहरा।
दुर्गापूजा,
शरद पूर्णिमा,
खीर अमृत
करें चन्द्रमा.
माँ के जगरातों
का हाल,
उपऋतु
क्वांर-अश्विनी चाल.
ब्राह्मण भोज, दान
और श्राद्ध,
पितृ पूजा का
आशीर्वाद.
फसल कटने का
माह सुहाना,
किसान काटें
खेत से दाना.
पकता धान,
सौंधी सुगंध।
मन महकता,
अति आनंद,
झूमे खुशियाँ
मन बेहाल,
उपऋतु
क्वांर-अश्विनी चाल.
रात ठंडी पर दिन
हैं गर्म,
व्याकुल करें,
यह कैसा मर्म.
तड़के ही सूरज
आ धमके,
क्वांर मास में
बढ़ कर फड़के.
बिजली कटे-
मुसीबत भड़के,
हाथ पंखियाँ
झल झल चटकें.
ठंडा गर्म
दोनों हैं हाल,
उपऋतु
क्वांर-अश्विनी चाल.
शारदा मोंगा.
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