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Tuesday, November 23, 2010

वन, उपवन, सुरभित सब डालिन

वन, उपवन, सुरभित डाल डाल,
भरे  डलियन  मालिन फूल हार,

श्यामल  तन  कोमल  सुकुमारी
पहन  टकी  तारन की सारी.
थिरक थिरक  आती मुस्काती  ,
गाती,     जाती,     गुनगुनाती.
कानन में फूलन की बाल,
वन, उपवन, सुरभित डाल डाल ,

फूलों     का      शृंगार    किये,
हाथों में सुरभित  हार लिए.
रुनझुन पायल  बजती जाती,
मीठी    धुन    में    गुनगुनाती.
बलखाती  चंचला ठुमक चाल  
वन, उपवन, सुरभित डाल डाल ,

बंद कलिका  ने खोली  आँखें,
मुस्काती मालिन से बोली.
गूँथ पिरोवो  बनाओ  माला,
सजेगी डाल गले में बाला
फूल बैंगनी गुलाबी  लाल
वन, उपवन, सुरभित डाल डाल,

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