वन, उपवन, सुरभित डाल डाल,
भरे डलियन मालिन फूल हार,
श्यामल तन कोमल सुकुमारी
पहन टकी तारन की सारी.
थिरक थिरक आती मुस्काती ,
गाती, जाती, गुनगुनाती.
कानन में फूलन की बाल,
वन, उपवन, सुरभित डाल डाल ,
फूलों का शृंगार किये,
हाथों में सुरभित हार लिए.
रुनझुन पायल बजती जाती,
मीठी धुन में गुनगुनाती.
बलखाती चंचला ठुमक चाल
वन, उपवन, सुरभित डाल डाल ,
बंद कलिका ने खोली आँखें,
मुस्काती मालिन से बोली.
गूँथ पिरोवो बनाओ माला,
सजेगी डाल गले में बाला
फूल बैंगनी गुलाबी लाल
वन, उपवन, सुरभित डाल डाल,
No comments:
Post a Comment