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Sunday, February 6, 2011

मेरी कामना-

मेरी कामना-


कि

मधुर वार्तालापों के अंतराल,

प्रेमपूर्ण निहारूं अविरल



कि

स्वहस्त नव निर्मित लिफाफे में

प्रेमी को लिखे पत्र के साथ बंद रहूँ.



कि

खेत जोतने के परिश्रम से

हाथ-पैरों के तलवों में पड़े

दृष्टअदृष्ट छालों में रहूँ.



कि

स्कूल तथा कक्षामें जहाँ

ईमानदारी, वादे व उत्साह

को बल मिलता है, में रहूँ.



कि

कार्यरत माँ की सांसों,

उसकी क़ुरबान धडकनों में,

तथा निष्कपट पिता के स्कूटर के

घिस्से पहिये में निवास करूं.



कि

पर्वत समान अडिग हृदय

जो समय के नृशंस थपेड़ों के विरुद्ध,

हरेक पवित्र काम में

धडकता रहता है,

में रहूँ...



कि

जहाँ प्यार का आभास हो,

मधुर विजय गीत

गुंजायमान हों

वहां तनिक भ्रमण करूं

समय बिताऊं-



.

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