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Monday, May 23, 2011

मोर,

 क्या करे बेचारा मोर?,

उपवन का था वह सम्राट,
विपदा पड़ी, गया सब ठाठ,
आह: ! प्रदूषण का यह दौर !
क्या करे? बेचारा मोर!


जनवृद्धि का है यह दौर,
बना कंक्रीट जंगल घनघोर,
मोरों पर पड़ गये अब चोर,
क्या करे बेचारा मोर?

कारखानों के, कूड़े करकट, रासायनिक पदार्थ, ज्यों मरघट,
पानी विषैला करें अपविष्ट,
जनता बनी घोर अशिष्ट ,

आह: ! प्रदूषण का यह दौर !
क्या करे? बेचारा मोर!

शुष्क धरा, सूखे नद सोखर,
मिले कहाँ स्वच्छ जल पोखर,
निराश पांखी, जलचर, सब ढोर ,
क्या करे बेचारा मोर!

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