मन मयूर
मन बावरा,
मन मोहन
मीत सांवरा.
मनमौजी
है मन भया,
गाये प्रेम के
गीत.
मन मयूर
नाचा करे,
मिले जब
मन का मीत.
मन मंदिर में
जले है
मम प्रीत का
प्रदीप.
प्रेम रस हूँ
पगी,
मन बना संदीप.
आरती उतारती,
स्नेह से संवारती
नेह का तेल
डाल
मीत को
पुकारती
No comments:
Post a Comment