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Tuesday, December 20, 2011

कोहरे की चद्दर ओढ़े, रात सो रही है.

दिल्ली में ठंड 
कोहरे की चद्दर ओढ़े
रात सो रही है.
आज तो सर्दी ठिठुर रही है.

किटकिट धाधिट,
धाधा धिटकिट,
दंत कंपकपा
ताल दे रहे,
शरद राग आलाप ले रहे,
तन-रूह कांप रही है
आज जाड़ा ठिठुर रहा है.

घना कोहर, घुप अँधेरा,
बादल कड़ कड़,
बिजली तड़ तड़,
बारिश बढ़ाती,
कडाके की ठण्ड,
रूह कांप रही है,
आज तो सर्दी ठिठुर रही है.
'शारदा  मोंगा '

 

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