नया वर्ष है सोन चिड़ी,
और गया साल था बन्जारा
सुख समृद्धि है सोनचिड़ी ,
और भला पुरुष था बंजारा
कै है मांगे यह सोन चिड़ी
क्या मांगे था वह बन्जारा
समाज प्रगति सोंन चिड़ी
ख़ुशी मांगे था बन्जारा
कैसे होगी समाज प्रगति?
मिलें कैसे उसे खुशियाँ ?
घूंस, चोरी, फैला अनाचारा,
राज करे है भ्रष्टाचारा,
'रोको रोको भ्रष्टाचारा'
लगाओ सब मिल कर यह नारा
अच्छाई को लाओ जग में,
मिटाओ मिटाओ अनाचारा
देदो खुशियाँ सोन चिड़ी को,
खुश कर दो ओ' बनजारा,
नव वर्ष में है प्रण हमारा
यही लगाओ मिलकर नारा,
मिल जुल कर सब काम करो
बांटो भैया भाईचारा
मिलेगी प्रगति सोन चिड़ी को
खुश होगा हमारा बंजारा।
और गया साल था बन्जारा
सुख समृद्धि है सोनचिड़ी ,
और भला पुरुष था बंजारा
कै है मांगे यह सोन चिड़ी
क्या मांगे था वह बन्जारा
समाज प्रगति सोंन चिड़ी
ख़ुशी मांगे था बन्जारा
कैसे होगी समाज प्रगति?
मिलें कैसे उसे खुशियाँ ?
घूंस, चोरी, फैला अनाचारा,
राज करे है भ्रष्टाचारा,
'रोको रोको भ्रष्टाचारा'
लगाओ सब मिल कर यह नारा
अच्छाई को लाओ जग में,
मिटाओ मिटाओ अनाचारा
देदो खुशियाँ सोन चिड़ी को,
खुश कर दो ओ' बनजारा,
नव वर्ष में है प्रण हमारा
यही लगाओ मिलकर नारा,
मिल जुल कर सब काम करो
बांटो भैया भाईचारा
मिलेगी प्रगति सोन चिड़ी को
खुश होगा हमारा बंजारा।
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