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Thursday, December 29, 2011

वक्त की चाल निरंतर चलना

वक्त की चाल
निरंतर चलना,

कभी न रुकना,
कभी न थमना,

मोड़ों पर वह दस्तक देता,
सफलता का संकेत कराता,

तुम बस उसके साथ हो लेना,
प्रतीक्षा करने को न कहना,

प्रतीक्षा का वह नाम न जाने,
थकने का वह काम न जाने,

चिरंतन काल से चल रहा है,
चिरंतन काल तक वह चलेगा,

नहीं थमेगा,
नहीं रुकेगा.

आगे आगे बढ़ता जाये,
पीछे का काम न भाये,

उस ही के साथ तुम हो लो
नहीं, वह आगे हो जायेगा.

तुम फिर पीछे रह जाओगे.
सिर धुन धुन कर पछताओगे,

2 comments:

  1. प्रतीक्षा का वह नाम न जाने,
    थकने का वह काम न जाने,

    चिरंतन काल से चल रहा है,
    चिरंतन काल तक वह चलेगा.......अद्भुत !

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    Replies
    1. प्रीति गुप्ता,
      मेरी रचना के लिए आपके 'अद्भुत!'उद्गार के लिए आपका स्वागत है.

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