रात भर हुआ हरि श्रृंगार,
हरसिंगार!
सुबह बिछाई पुष्प चदरिया,
हरि के द्वार,
हरसिंगार!
हरी घास पर मोती बिखरे,
हरसिंगार!
जड़तू हीरे मूंगे बखरे,
हरसिंगार!
थकी मालनिया डलिया भर भर,
हरसिंगार!
गूँथन लागी वेणी माला,
हरसिंगार!
महके अंजुरी पुष्प भरी,
हरसिंगार!
हरसिंगार!
सुबह बिछाई पुष्प चदरिया,
हरि के द्वार,
हरसिंगार!
हरी घास पर मोती बिखरे,
हरसिंगार!
जड़तू हीरे मूंगे बखरे,
हरसिंगार!
थकी मालनिया डलिया भर भर,
हरसिंगार!
गूँथन लागी वेणी माला,
हरसिंगार!
महके अंजुरी पुष्प भरी,
हरसिंगार!
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